अवैध कब्जा अब किया तो खैर नहीं- हाइकोर्ट फैसला

अवैध कब्जा अब किया तो खैर नहीं हाइकोर्ट ऐतिहासिक फैसला

यदि कोई आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर ले तो दो सिचुएशन बनता है
1.पहले प्रॉपर्टी आपका नाम पर हो
2.प्रॉपर्टी आपका नाम पर नहीं हो

यदि आपके जमीन पर भी कोई कब्जा कर लिया है और आप जमीन कब्जा करने वाले आपको परेशान कर रहे हैं आपके साथ मारपीट करते हैं आपको के साथ गाली गलौज करते हैं तो अब आपको घबराने की जरूरत नहीं है इसलिए कि अब जो कानून है इस कानून के तहत आपको जल्द से जल्द जो है वह न्याय मिलेगा

यदि आपके जमीन पर भी कोई कब्जा कर लिया है तो स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट की धारा 6 को आप जरूर जान लीजिए इस कानून के तहत अब आपको कैसे फाइल करना होगा लेकिन इस कानून में कुछ कंडीशन है इस कानून में आप तभी केस फाइल करें जब वह प्रॉपर्टी आपकी हो आपके पास उसे प्रॉपर्टी का टाइटल हो आपके पास उसे प्रॉपर्टी का मालिक आना आपको अगर आप जो कागज के तौर पर अगर डिफॉल्ट हो जाएंगे तो उसे सिचुएशन में फिर समस्या हो सकता है इसलिए कि यह जो कानून है इसमें कोर्ट के द्वारा जिसकी भी पक्ष में फैसला दिया वह आगे अपील नहीं कर सकता यानी आप फैसले के विरुद्ध जो है अभी ऊपरी अदालत में हाईकोर्ट हो सुप्रीम कोर्ट हो नहीं कर सकते हैं

जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले अब नहीं बचेंगे यानी अगर आपकी जमीन पर कोई जबरन अवैध कब्जा कर लिया है तो वह किसी भी कारण बस अब बच नहीं सकता और इसको लेकर कई सुप्रीम कोर्ट के फैसले आपको देखने को मिलेंगे आज एक फैसले की हम बात कर रहे हैं जो फैसला है जिसके बीच में विवाद हुआ है वह है चरण सिंह बनाम पंजाब राज्य एवं अन्य Petitioner Charan Singh Vs State of Panjab Civil Write Petition No 20272 of 2012

यह फैसला पंजाब और हरियाणा हाइकोर्ट का है Panjab and Haryana High Court

punjab and haryana high court


इस फैसले में याचिका करता का दावा है कि गांव में गुटबाजी होने के कारण संतोष सिंह और अन्य ने याची करता जो की सरपंच है के खिलाफ जो है झूठी आरोप निराधार शिकायत जो है वह दर्ज कर दिया था |और आरोप लगा दिया गया की याचिका करता ने लगभग दो कैनाल के पंचायत क्षेत्र पर अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा किया हुआ है | जब यह आरोप लगाया गया तो याचिका करता को अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था | फिर याचिका करता ने आप पर अपना जवाब को प्रस्तुत किया लेकिन आप भी लगाए की जांच अधिकारी ना तो मौके पर आकर दौड़ा किया नहीं किसी प्रकार के सबूत जो कि मेरे पास साथ शुक्ला है इसकी जांच की | जमीन पर कब्जा करने वाले सावधान हो जाए जमीन पर अगर आप भी कब्जा किए हुए हैं तो अब आप बच नहीं सकते हैं हम आपको हाईकोर्ट हो या सुप्रीम कोर्ट हो दोनों के फैसले के बारे में बताएंगे किसके बीच में विवाद हुआ यह भी बताएंगे और वह जजमेंट से आप जान सकते हैं कि आखिरकार अभी वर्तमान में हमारा नियम कानून क्या कह रहा है

इस केस में याचिका करता के ऊपर जो लगाए गए आरोप है उसको अगर सही मान भी लिया जाना तो याचिका करता के दो पुत्र जो है उनके पास जमीन का अवैध कब्जा पाया गया है जो जमीन गांव की जमीन है पंचायत की जमीन है या किसी संस्था की जमीन है लेकिन याचिका करता गांव के सरपंच के रूप में कायत रहते हुए अपने पुत्र पर किसी प्रकार की कोई भी कार्रवाई करने में वह सफल ही रहे ऐसे में जो अपने निकट पारिवारिक संबंधियों को भूमि पर अवैध कब्जे करने देता है या फिर दलील देता है कि वह इसके लिए जिम्मेदार नहीं है|

स्पेशली में हाई कोर्ट ने भी वकील के द्वारा प्रस्तुत किए गए तर्क को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है और यहां पर जो एक तरह से आदेश दिया गया है वह भी अवैध है हाई कोर्ट ने न्यायालय रिट अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने के किसी प्रकार का तर्क प्रस्तुत नहीं किया गया जिससे रेट अधिकार क्षेत्र के प्रयोग में हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सके तदनुसार इस केस को पूर्ण रूप से खारिज किया जाता है

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