जमीन विवाद में BNSS की धारा 164

देखें अगर आप जानना चाहते हैं की जमीन विवाद में BNSS की धारा 164 कब लगता है और क्यों लगता है जमीन विवाद में अक्सर आपको यह धारा देखने को मिलता होगा | लेकिन आज हम आपको जो है जमीन विवाद में BNSS की धारा 164 के बारे में बताएंगे जो अब नए कानून के तहत अब आपका जमीन विवाद का जो समस्या है उस समस्या को खत्म करेगा

जमीन विवाद में BNSS की धारा 164 & धारा 145

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता BNSS की धारा 164 वही है जो CrPC की धारा 145 था CrPC के अनुसार धारा 145 में यह प्रावधान था कि किसी मजिस्ट्रेट को या कहें SDM को SDO को पुलिस के माध्यम से या किसी अन्य के माध्यम से यह पता लगे कि आखिर विवाद या जमीन पर कब्जा या कोई अन्य कारण से शांति भंग हो तो मजिस्ट्रेट दोनों को नोटिस भेज कर दोनों पार्टी से पक्ष रखने की जो है मांग कर सकता है | जिस कारण से शांति भंग होने की संभावना उस पर तत्काल रोक भी लगा दिया जाता है

जमीन विवाद में BNSS की धारा 164 SDM पॉवर

जमीन विवाद में BNSS की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट SDM को यह पावर है मजिस्ट्रेट SDM को यह भी देखना है कि आज अगर इस जमीन पर विवाद हुआ है तो आखिर यह विवाद क्यों हुआ अगर कब्ज को लेकर विवाद है तो आज से 2 माह पूर्व इस जमीन पर कब्जे में कौन था यानी पूर्व से किसका कब्जा चल रहा है, जिसका पूर्व से कब्जा चल रहा होगा मजिस्ट्रेट जो है उसी के पक्ष में फैसला सुनाएगी यह कानून पहले भी था CrPC की धारा 145 के तहत अब नए कानून में यह BNSS की धारा 164 के तहत SDM को कार्य करना है

BNSS की धारा 164 का मुख्य उद्देश्य जो है ना वह है सार्वजनिक शांति भंग होने से उसको रोक देना और इसके लिए मजिस्ट्रेट SDM को जो है पूरा पॉवर है भूमि विवाद हो पानी का विवाद हो या अन्य किसी भी प्रकार का विवाद हो उसमें मजिस्ट्रेट SDM को कार्यवाही करने का अधिकार है पॉवर है

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