बिहार में 16 अगस्त 2025 से भूमि रजिस्ट्री और संबंधित प्रक्रियाओं में सुधार के लिए राजस्व महा-अभियान शुरू हो रहा है। यह अभियान 20 सितंबर 2025 तक चलेगा और इसका मुख्य उद्देश्य भूमि दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना, डिजिटल जमाबंदी में त्रुटियों को ठीक करना, और आम लोगों को जमीन से जुड़ी सेवाओं को आसान बनाना है। नीचे इस अभियान और बिहार भूमि रजिस्ट्री अपडेट की प्रमुख जानकारी दी गई है:
राजस्व महा-अभियान की मुख्य बातें
- अवधि: 16 अगस्त 2025 से 20 सितंबर 2025 तक।
- उद्देश्य:
- डिजिटल जमाबंदी में गलतियों (जैसे नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान) का सुधार।
- उत्तराधिकार के आधार पर नामांतरण।
- साझी संपत्तियों का बंटवारा।
- छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना।
- भूमि विवादों का डिजिटल समाधान और पारदर्शिता बढ़ाना।
- प्रक्रिया:
- राजस्व विभाग की टीमें घर-घर जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन फॉर्म बांटेंगी।
- प्रत्येक हल्का या पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोग अपने दस्तावेज जमा कर सकेंगे।
- हर हल्का क्षेत्र में सात दिन के अंतराल पर दो शिविर आयोजित होंगे।
- आवेदकों को ओटीपी के माध्यम से एप्लीकेशन आईडी दी जाएगी, जिससे वे अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकेंगे।
- विशेष सुविधाएं:
- जिन लोगों की जमीन उनके पूर्वजों (जैसे दादा, परदादा) के नाम पर है और मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, उनके लिए सरपंच द्वारा तैयार वंशावली को मृत्यु प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति होने पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। जरूरत पड़ने पर 20 सितंबर के बाद भी शिविर लग सकते हैं।
- सहभागिता:
- पंचायत स्तर पर मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, उप-सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य, और जिला परिषद के सदस्य शामिल होंगे।
- भूमि सर्वेक्षण में पहले से दस्तावेज जमा कर चुके लोग भी इस अभियान में हिस्सा ले सकते हैं, अगर उनकी जमाबंदी में सुधार या नामांतरण बाकी है।
बिहार भूमि रजिस्ट्री के नए नियम (2025)
- डिजिटल प्रक्रिया:
- बिहार सरकार ने 1 जनवरी 2025 से जमीन रजिस्ट्री को पूरी तरह डिजिटल और ई-गवर्नेंस आधारित बनाने का निर्णय लिया है।
- अब लोग बिहार भूमि पोर्टल (biharbhumi.bihar.gov.in) के माध्यम से घर बैठे अपनी जमीन की जानकारी देख सकते हैं और दस्तावेजों में सुधार कर सकते हैं।
- ऑनलाइन दाखिल-खारिज, भू-लगान भुगतान, और राजस्व मानचित्र देखने की सुविधा उपलब्ध है।
- कड़े नियम (1 जुलाई 2025 से):
- 1 जुलाई 2025 से जमीन रजिस्ट्री के लिए चार सख्त नियम लागू किए गए हैं, जिनका उद्देश्य फर्जीवाड़ा और भूमि माफियाओं की गतिविधियों पर रोक लगाना है।
- रजिस्ट्री के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार/मोबाइल सीडिंग और अन्य वैध दस्तावेज शामिल हैं।
- पेपरलेस रजिस्ट्री:
- 2025 से रजिस्ट्री प्रक्रिया को दलालों और सरकारी दफ्तरों की भागदौड़ से मुक्त करने के लिए मोबाइल आधारित डिजिटल प्रक्रिया शुरू की गई है।
- यह प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी, जिससे मालिकाना हक का ट्रांसफर आसान हो सकेगा।
कैसे लाभ उठाएं?
- पंजीकरण: बिहार भूमि पोर्टल (biharbhumi.bihar.gov.in) पर अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन करें। नए उपयोगकर्ता पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- आवेदन: ऑनलाइन दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, या एलपीसी (भूमि दाखिल-खारिज प्रमाण पत्र) के लिए आवेदन करें।
- शिविर में भाग लें: अपने नजदीकी पंचायत या हल्का स्तर पर आयोजित शिविरों में जाएं और जरूरी दस्तावेज जमा करें।
- स्थिति जांच: आवेदन की स्थिति ऑनलाइन पोर्टल या SMS अलर्ट के माध्यम से देखें।
महत्वपूर्ण जानकारी
- यह अभियान विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावी होगा, जहां लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर से बचाने के लिए घर-घर सुविधा पहुंचाई जाएगी।
- गोपालगंज के डीएम पवन कुमार सिन्हा ने कहा कि यह अभियान लोगों को दफ्तरों की भागदौड़ से बचाएगा और डिजिटलीकरण से भूमि विवादों में कमी आएगी।
- अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अब तक 4.5 करोड़ जमाबंदी ऑनलाइन हो चुकी हैं, लेकिन कई त्रुटियां बाकी हैं, जिन्हें इस अभियान में ठीक किया जाएगा।
सुझाव
- अपने दस्तावेज (जमाबंदी, आधार, खाता-खेसरा विवरण) तैयार रखें।
- अभियान के दौरान पंचायत स्तर पर आयोजित शिविरों में सक्रिय रूप से भाग लें।
- किसी भी जानकारी के लिए बिहार भूमि पोर्टल या स्थानीय राजस्व कार्यालय से संपर्क करें।
यदि आपको और जानकारी चाहिए या किसी विशिष्ट प्रक्रिया के बारे में जानना है, तो कृपया बताएं!